ग़ज़ल – हौसला फिर कोई बड़ा रखिये
2122 1212 22 हौसला फिर कोई बड़ा रखिये । खुद के होने की इत्तला रखिये ।। बन्द मत कीजिये
Read More2122 1212 22 हौसला फिर कोई बड़ा रखिये । खुद के होने की इत्तला रखिये ।। बन्द मत कीजिये
Read More1222 1222 122 तुम्हारी बज्म में इक शाम तय है । फ़िजा में इश्क़ का अंजाम तय है ।। सफाई
Read Moreबात उसकी आसमानी देखिए । मर रहा आंखों का पानी देखिए ।। फिर किसी फारुख की गद्दारी दिखी । बढ़
Read More।। 2122 2122 2122 212 ।। पूछिये मत क्यो हमारी शोखियाँ कम पड़ गईं । जिंदगी गुजरी है ऐसे आधियाँ
Read Moreअब हम भी ज़माने का सुख़न देख रहे हैं ।। बिकता है सुखनवर ये पतन देख रहे हैं ।। बदनाम
Read More2122 2122 212 कर गई अपनी पहल मेरी ग़ज़ल। सुन लिया उसने भी कल मेरी ग़ज़ल।। हर्फ़ चेहरे पर उभर
Read Moreआ गया है फिर सिकन्दर देखिये । हारते पोरस का मंजर देखिये ।। लुट रही थी आबरू सड़को पे तब
Read More