जिम्मेदारी
सर्द हवाओं में सुबह के अंतिम अंधकार में, मुँह और सर को ढककर वो अपने बच्चो की पढ़ाई कमाने के
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Read Moreदरवाजे की घंटी बजने पर उमेश ने दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही उमेश ने देखा उसका बडा बेटा शाम को
Read Moreउजाले मंद हुए , मैं मयखाने चला गया। जख्म उजागर ना हो,मैं पीता चला गया।। जैसे जीवन से कभी नफरत
Read Moreरवि एक बहुत ही समझदार व्यक्ति है और 40 वर्ष की उम्र के इस पड़ाव पर काफी परिपक्व भी नजर
Read Moreएक बड़े शहर की पॉश कॉलोनी में बनवारी नाम का सब्जी वाला लगातार सब्जियां भेजने के लिए एक आता था।
Read Moreगुजर गया तूफान भी , पर उसे हिला ना पाया। मील के पत्थर ने हमेशा अपना फर्ज निभाया।। रहा स्थिर
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