गीतिका : सवाल-ए-जिन्दगी
कितने सैलाब थे तूफान थे इन आँखों में ये बता तू मेरी इन आँखों में ठहरा कैसे? इसमें कुछ तेरी
Read Moreकितने सैलाब थे तूफान थे इन आँखों में ये बता तू मेरी इन आँखों में ठहरा कैसे? इसमें कुछ तेरी
Read Moreसुबह के दस बज चुके थे सभी आँफिस पहुँच चुके थे देव हमेशा की तरह लेट था.रोज बाॅस की डाँट
Read Moreजानते है सब कि कोई नहीं जानता आगे क्या होने वाला है..? फिल भी एक दूसरे से पूछते है कि
Read Moreयूॅ तो मोवाइल फोन में मालिनी दिन रात लगी रहती है परन्तु अगर किसी का फोन आ जाये तो बहुत
Read More“माँ ए “भूख की आग” क्या होती है?” ए क्या ऊल जुलूल सवाल पूछती रहती हो? नीलम ने रूही को
Read Moreछमाही की परीक्षा समाप्त हो चुकी थी.सभी को पढाई से कुछ दिन का छुटकारा मिल गया था . क्योकि विश्वविद्यालय
Read Moreपानी की भर-भर अॅजुलियाॅ जो सींच दे हर पेड़ को, जलती धरा पर नग्न पग से, जोत डाले खेत को–!
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