पेंशन बनाम एनपीएस
सन् 2000 हरिनाथ कुँए के ठन्डे-ठन्डे पानी को देह पर उड़ेल-उड़ेलकर हरि ॐ, हरि ॐ का जाप कर रहे थे
Read Moreसन् 2000 हरिनाथ कुँए के ठन्डे-ठन्डे पानी को देह पर उड़ेल-उड़ेलकर हरि ॐ, हरि ॐ का जाप कर रहे थे
Read Moreतुम अपने दु:ख से जूझो मैं अपने दु:ख से जूझूँ हताश नहीं हैं हम एक दिन तो खुशियां पाएंगे
Read More“शिमला! तुमने माँ को शिमला जाने के लिए क्यूँ कहा?” “यहीं रखा है फोन। लगा लो माँ को, और बोल
Read Moreचाय के इस लेन-देन में कुछ इधर आई, कुछ उधर गई कुछ होंठों से लगी, कुछ बासी भई पर हड़बड़ी
Read Moreजितना करीब आए चेहरे के दाग़ गहराते गए किताबों में छपे शब्द और धुँधलाते गए क्यूँ हर चीज़ अच्छी दूर
Read Moreतेज़ चलती हुई बस को ड्राइवर ने जबरदस्त ब्रेक देकर ऐसे रोका जैसे बस स्टॉप तो रास्ते में था ही
Read Moreकुछ नियोन लाइट के खंभे उसकी रोशनी में दब जाते हैं वे दिखाई नहीं देते और हम दृश्य यों
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