समुद्र की रेत
गायत्री ने साडी के आंचल से हाथ पोंछते हुए किचन की लाइट बंद की और किचन से बाहर आ गई।
Read Moreगायत्री ने साडी के आंचल से हाथ पोंछते हुए किचन की लाइट बंद की और किचन से बाहर आ गई।
Read Moreबूंदों ने डाक से प्रेषित किया है बादलों ने जो मसौदा दिया था बनाकर आकाश में मेरी मौत का आदेश
Read Moreबहुत बार संवारा इसे मगर मेरी अंख़ियों से काजल बह-बह जाए चले आओ वहीं से लौट कर कि मेरा काजल
Read Moreतुम्हारा भी उतना ही आसमां है जितना कि मेरे पास है फिर तुम खुशी से झूमते हो क्यूँ और मेरा
Read Moreदेवीलाल दफ्तर से अभी लौटे ही थे। घर में घुसते ही भुनभुनाते हुए हाथ की फ़ाइल टेबुल पर दे मारी।
Read Moreमेरा भगवान भी तो मुझसा भोला है माखन खिलाऊँ तो खाता है जहाँ झुलाऊँ झूल जाता है जब सुलाऊँ सो
Read More