पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान करतीं हमारी धरती के ह्वेलें
वाशिंगटन स्थित मैक्रो इकोनॉमी के एक विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री ने अन्य कई ह्वेल विशेषज्ञों के साथ मिलकर ह्वेलों के बारे
Read Moreवाशिंगटन स्थित मैक्रो इकोनॉमी के एक विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री ने अन्य कई ह्वेल विशेषज्ञों के साथ मिलकर ह्वेलों के बारे
Read Moreवाशिंगटन स्थित एक अमेरिकन संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्यूएशंस ने विश्व भर के लिए अपनी रिपोर्ट में 2017
Read Moreआज के लगभग सभी राष्ट्रीय समाचार पत्रों में केन्द्र सरकार द्वारा जेएनयू में मुख्यतः हास्टल फीस में अप्रत्याशित रूप से
Read Moreक्या भविष्य के कुछ सालों बाद ही भारत की 10 प्रतिशत तक की आबादी शुगर की मरीज हो जायेगी ?
Read Moreहमारे देश में प्रदूषण की समस्या अब अत्यधिक गंभीर हो चली है। अभी सूर्य उपासना और प्रकृतिपूजक पर्व छठ के
Read Moreहमारा भारत महान, अपने ही देश के महान व होनहार सपूतों को उनके जीते-जी न ठीक से पहचान पाता है,
Read Moreहमारे लोकतंत्र और अमेरिकी लोकतंत्र में कितना अन्तर है? इसको समझने के लिए मात्र एक उदाहरण ही काफी है कि
Read More(इस पृथ्वी के समस्त जानवरों की जातियों की मानव जाति से एक मार्मिक अपील) इस धरती पर जन्म लेने वाले
Read Moreभारत में मूर्खता के संदर्भ में एक लोकोक्ति बहुत प्रसिद्ध है कि ‘कालीदास (कहा जाता है बाद में वही महाकवि
Read Moreआपके समाचार पत्र दिनांक 26-10-19 को प्रकाशित संपादकीय लेख ‘किसानों ने ही शुरू की थी दीवाली’ पढ़ा। हिन्दू धर्ममानने वालों
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