लेखनी तू खुलके बोल
लेखनी तू खुलके बोल हिय तराजू तौल बोल,असंख्य प्रतिबिंब धरे तेरा जीवन है अनमोल। प्रखर प्रताप हिय समाये कुंठाओं में
Read Moreलेखनी तू खुलके बोल हिय तराजू तौल बोल,असंख्य प्रतिबिंब धरे तेरा जीवन है अनमोल। प्रखर प्रताप हिय समाये कुंठाओं में
Read Moreमनुष्य का मस्तिष्क दो तरह से कार्य करता है। एक सकारात्मक रूप में दूसरा नकारात्मक रूप में। इन दोनों में
Read Moreजब होती थी मैं उदास तब ये लगाती थी मुझे गले आज इसको गले लगाकर जीवन का आनंद पा लिया।
Read Moreचाह नहीं प्रभु महलों की तुम सैर कराओ। चाह नहीं प्रभु पुष्प रथ पर तुम चढ़ाओ। चाह प्रभु सिर्फ इतनी
Read Moreआओ अमृत महोत्सव मनाएं हम सीखें दुनिया को सिखाएं। बुनकर संस्कृति ताना-बाना सुंदर भारत आदर्श दिखाएं। निद्रा से जागे सर्वप्रथम
Read Moreपगडंडी के सहारे… रेत के कुछ कणों को, हवा इतनी दूर ले गई कि रेत अपना वजूद खोकर बिछ गई
Read Moreहार ना मानो लड़ते रहो सावधान हो ध्यान से। एक दिन तुम ही जीतोगे महामारी के वितान से। माना संकट
Read Moreयह प्रेम कथा है..असम के आदिवासी परिवार में जन्मी एक सोलह वर्षीय लड़की टुलुमुनि की। जिसको प्यार सब टुलु कहते
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