चुनावी सेवा (व्यंग्य )
जनता की सेवा, करने कोदेखो सब , कितने बेचैन हैंकड़ी धूप में सब, निकल पड़ते हैन दिन में सुकून,न रात
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Read Moreजब हम रोज़ ही, आपस मेंमचाते रहेंगे, घमासानफिर, किस मुंह, से बोलेंगेकि मेरा भारत, देश महान ।। सत्ता पक्ष हो,
Read Moreअंग्रेजी नववर्ष,धूमधाम से मनायाचाकलेट बांटी और, जश्न मनायाआज से हमारा, नया संवत्सर हैगुड़ी पड़वा का, शुभ अवसर है।। आज से
Read More23 मार्च सन,उन्नीस सौ इकत्तीसराज गुरु , सुखदेव औरशहीद-ए-आजम, श्री भगत सिंह।देश की आजादी, की खातिरचूमा था, फांसी का फंदाऔर
Read Moreपाप का घड़ा, जब भर जाता हैबड़े से बड़ा फिर, पकड़ा जाता हैकोई भी तर्क, काम नही करेगानाटक से काम,
Read Moreचुनावों का बिगुल, बज चुका हैजंग का मैदान, अब सज चुका हैजनता को रिझाने,का दौर जारी हैदेखते हैं इस बार
Read Moreअंडमान का, सेल्युलर जेलजिनसे बन गया, अब तपोवन हैऐसे वीर सावरकर , जी को हमारा शत् शत् , नमन है
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