लघुकथा- षडयंत्र
बारहवे के दिन भाइयों में बहस होने लगी. “ भैया ! आप से पूछा था. आप दोनों ने ‘हाँ’ कहा
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Read Moreलघुकथा- साँझे सपने पिछली बार प्याज को रोड़ी में फेकना पड़ा. मगर, इस बार भाव अच्छे थे, “ बाबा !
Read Moreलघुकथा- सजा सच माँ को पता नहीं था. बड़े मेहनती खेतिहर बेटे को छोटे नाकारा बेटे ने मार डाला था.
Read Moreपत्रकार ने फोटो हाथ में लिया,’ तीन कुत्ते आसपास जमीन पर गिरा खाना खा रहे थे और यही मरियल, फटेहाल,
Read Moreलघुकथा- वही सपना बरसों बाद मिले तो याद आया कि जवानी में जातपात की वजह से विवाह नहीं कर सके
Read Moreहरिद्वार जाने वाली गाड़ी दिल्ली पहुंची थी कि फोन घनघना उठा, “हेल्लो भैया !” “हाँ हाँ ! क्या कहा ?
Read Moreपार्सल खोला तो एल्बम था. पहला पृष्ठ पलटा. उसके मातापिता का फोटो था, “मुझे माफ़ कर देना. आप मुझे बहुत
Read Moreलघुकथा- आ लौट चले फोन रखते ही पत्नी माथा पकड़ के बैठ गई. विजातीय पति से लव मैरिज के कारण
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