लघुकथा

लघुकथा- सजा

लघुकथा- सजा

सच माँ को पता नहीं था. बड़े मेहनती खेतिहर बेटे को छोटे नाकारा बेटे ने मार डाला था. लोग यही कहते थे. मगर छोटे बेटे का कहना था, “ माँ ! मैं ने भैया को नहीं मारा. वे तो धक्कामुक्की में पत्थर से टकरा गए. और लोगों ने समझा कि मैं ने पत्थर से मार डाला.”
मगर माँ किस की बात मानती. बड़ी बहु का कहना था, “ इस राक्षस ने मेरे पति को मारा है इसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए.”
“ठीक कहती हो बेटी. अगर इस ने हत्या की है तो सजा मिलना चाहिए. इसे कौन रोक सकता है ?” माँ बड़ी मुश्किल से बोल पाई थी .
छोटी बहु ने सास को हिलाया तो वह वर्तमान में आ गई.
“ माजी ! मेरी सुन लीजिए,” उस ने सूजी आँखों ने आंसू पौंछते हुए कहा, “आप का एक बेटा तो चला गया. वह तो कभी नहीं आ सकता है मांजी. अब इस दूसरे बेटे को बचा लीजिए. इस से हम सब की जिन्दगी बच जाएगी.”
“ शायद , तुम ठीक कहती हो.” माँ बड़ी मुश्किल से माँ बोल पाई थी, “ तुम अपनी जेठानी सा बात कर लेती. शायद वह मान जाए. मैं तो दोनों की माँ हूँ. निर्णय तो जेठानी को करना है.”
छोटी मौन रह गई और माँ के मन में एक जोरदार कसक उठी, “ कुछ भी हो छोटी. सजा किसी को मिले या ना मिले ? यह सजा तो जिन्दगी भर मुझे ही भुगतना पड़ेगी.” उस ने एक नजर अपने सूने मकान को देखा जो उसे अब कालकोठरी प्रतीत हो रहा था.
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१०/०५/२०१६

*ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

नाम- ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जन्म- 26 जनवरी’ 1965 पेशा- सहायक शिक्षक शौक- अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा- मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथ-साथ लघुकथाएं. शिक्षा-बीए ( तीन बार), एमए (हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र, इतिहास) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा. समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिशत अंक के साथ अपने बैच में प्रथम. रचना प्रकाशन- सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, चैथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विशेष लेखन- चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाशन- लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार- साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकु, हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). मराठी में अनुदित और प्रकाशित पुस्तकें-१- कुंए को बुखार २-आसमानी आफत ३-कांव-कांव का भूत ४- कौन सा रंग अच्छा है ? संपर्क- पोस्ट आॅफिॅस के पास, रतनगढ़, जिला-नीमच (मप्र) संपर्कसूत्र- 09424079675 ई-मेल opkshatriya@gmail.com

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  • मार्मिक लघु कथा .

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