प्रेम जगत का सार स्वरुप है । जिसने ये समझा वह कृष्ण हो गया और जो इसमें समाहित हुई वह श्री राधा हो गईं । गोपियों का प्रेम भी कितना निर्मल, निश्छल और पवित्रता से भरा रहा होगा कि जिसके वशीभूत होकर परात्पर परब्रह्म श्री कृष्ण आँसू बहाते हैं। कैसा दिव्य भाव रहा होगा कि […]
Author: पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
समय प्रबंधन
हे! मित्र समय प्रबंधन सीखो , जीवन सुरभित हो जायेगा । नित-नव पल्लव महकेंगे और , जीव दीप-सा बन जायेगा ।। समय प्रबंधन सिखलाता है, सारे काम समय पर करना । एक-एक क्षण की प्रतिपल,प्रतिक्षण , सार्थकता संरक्षित करना ।। गाँधी बापू ने बतलाया, समय प्रबंधन कैसे हो । सभी कार्य मिल करें समय पर, […]
युवाओं के चारित्रिक दौर्बल्य और नैतिक पतन का कारण ‘पाश्चात्य संस्कृति’
आज पाश्चात्य संस्कृति की ओर हमारे देश के युवा और विद्यार्थी आकर्षित हो रहे हैं । चाहे वह खानपान हो, संगीत हो, शिक्षा हो अथवा वेशभूषा हर ओर से युवाओं को भ्रमित करने वाली बयार चल रही है । क्या स्त्री क्या पुरुष सभी इससे प्रभावित नज़र आते है । ये पाश्चात्य का ऐसा एक […]
वशीकरण के दो मंत्र- मधुर मुस्कराहट एवं मधुर वाणी
ईश्वर ने मनुष्यों को अनेक प्रकार की योग्यताओं से विभूषित किया है |यदि मानव ध्यान दे तो उसे मालूम पड़ेगा की उसके व्यक्तित्व में ऐसे दिव्य गुणों का समावेश किया गया है जिनके कारण वह धरती पर अन्य जीवों से न केवल श्रेष्ठ है अपितु ईश्वर का प्रतिनिधि है | परन्तु मानव के नकारात्मक विचार […]
माता-पिता बच्चों में नैतिकता और अपनापन विकसित करें
संसार के प्रत्येक माता-पिता चाहते हैं कि उनकी संतान सभ्य एवं सुसंस्कृत बने और परिवार व समाज में उनके सम्मान का कारण बने लेकिन बहुत से माता-पिताकी ये इच्छा केवल एक स्वप्न बनकर रह जाती है, मनोनुकूल संतान न बन पाने के कारण माता-पिता की वृद्धावस्था दुखपूर्ण और अतृप्त व्यतीत होती है इस समस्या के […]
तेरा कीआ मीठा लागे, हरि नाम पदारथ नानक मागे
(गुरु अर्जुन देव जयंती पर विशेष) सिख गुरुओं ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए सदैव अपना बलिदान दिया है अनेक ऐसी मिसालें पेश की हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं । इतिहास के पन्ने जहाँ सिख गुरुओं की शिक्षाओं द्वारा स्वर्णिम अक्षरों से लिखे गये हैं वहीं इन गुरुओं […]
शौर्य के शिखर महाराणा प्रताप और सौन्दर्य की धनी महारानी अजबदे
(महाराणा प्रताप जयंती पर विशेष) एक सच्चे राजपूत, शूरवीर, देशभक्त, योद्धा, मातृभूमि के रखवाले के रूप में महाराणा प्रताप दुनिया में सदैव के लिए अमर हैं लेकिन क्या आप जानते हैं एक योद्धा का कठोर हृदय रखने वाले महाराणा का हृदय अपनी महारानी अजबदे के लिए प्रेम से भरा हुआ था। महाराणा प्रताप केवल एक […]
ईश्वर के कार्यकर्ता हैं…..समाज सेवक
“परहित सरिस धरम नहीं भाई” दूसरों की भलाई और सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। जो मनुष्य अपनी बुद्धि, शक्ति एवं धन का जितना उपयोग बिना भेदभाव के समाज सेवा के लिए करता है उतना ही वह मनुष्यत्व से देवत्व की ओर बढ़ने लगता है और जहाँ मनुष्य ने अपनी स्वार्थी पृवृत्ति के वशीभूत […]
हृदय भेदी………शब्द-बाण
संसार में तीन महान शक्तियों का विशेष सामर्थ्य है ये संसार का सृजन, पालन एवं विध्वंस करने वाली महान शक्तियां हैं । स्रष्टि निर्माता ब्रह्मा के ब्रम्हास्त्र का वर्णन पुरानों में आता है, नारायणास्त्र की महिमा भी सर्वविदित है और भगवान् पशुपतिशिव का पाशुपतास्त्र तो इतना प्रबल है कि क्षण मात्र में समूचे ब्रह्माण्ड का […]
एक बुराई है……..विचार-विकृति
मित्रों! अपने विचारों को विकृत होने से बचाइये । इस समय विचारों की विकृति हमें अवसाद की गहरी खाई में गिरा सकती है। जिसमें से निकलना लगभग असम्भव हो सकता है। विचार-विकृति से बढ़कर हमारा और कोई शत्रु नहीं है। इस शत्रु की चोट इतनी असहनीय और भयावह होती है कि व्यक्तित्व को बुरी तरह […]