सुनो ना … आखिर क्यूँ हो इतनी कठोर ???
यूँ तो तुम बहुत अच्छी हो मन की सुन्दर हो व्यवहार की भी बहुत अच्छी हो सबसे मिलनसार हो बस
Read Moreयूँ तो तुम बहुत अच्छी हो मन की सुन्दर हो व्यवहार की भी बहुत अच्छी हो सबसे मिलनसार हो बस
Read Moreसावित्री अचानक चक्र खाकर गिर पड़ी ! धनपति भागकर बहु को उठाती है और डॉ को बुलाने को दौडती है
Read Moreतने खड़े हैं गुमसुम बादल क्यूँ न बरसें गर्मी से तप्त भू पर जीव-जंतु आस लगाये जमीं का प्यार समझें
Read Moreतुम क्या जानो ……. कुछ भी लिखना कहाँ है आसान कलम तो चाहती है हर वक्त मचलना शब्दों में भी
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