गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 02/08/2017 ग़ज़ल जिसे दिल का रोग लग जाता है उसको न कोई दवा लगे दिन रात तड़पते रहते हैं कभी उनको न Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/07/2017 ग़ज़ल जमीं से आसमां तलक ग़मों के साए हैं कि बनके बोझ जमीं पर हमतो आए हैं । ज़िंदगी कश्ती पे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/07/201709/07/2017 ग़ज़ल – हया हया आंखो में अब बहुत मुश्किल से मिलती है बेशर्मी आजकल तो यहाँ नाजों से पलती है । बयां कर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 16/06/201716/06/2017 ग़ज़ल लेके बर्बाद मोहब्बत तेरी ख़ुशी के लिए हम तेरे शहर में आएंगे दो घड़ी के लिए । हम मुसाफिर हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 07/06/2017 ग़ज़ल २ जाने कितने ख्वाब हमारे अंतर मन में टूटे कुछ तो दिल में क़ैद रहे कुछ हाथों से छूटे । कैसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 07/06/201707/06/2017 ग़ज़ल १ तुम्हें भी इश्क़ है ये तेरी तस्वीर कहती है हां देखा है चाहत तेरी आँखों से बहती है । कहो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/05/201709/05/2017 ग़ज़ल-2 रेत मुठ्ठी में बांधना बहुत मुश्किल है कि पानी का बुलबुला किसे हांसिल है वक्त को बांध ले ये किसने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/05/201709/05/2017 ग़ज़ल-1 बिछड़ के हम से भला तुम किधर को जाओगे हमें यक़ीन है तुम एक दिन तो लौट आओगे हरेक सितम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 16/04/2017 ग़ज़ल हम गुज़रे हैं आज दर्द के बेहद क़रीब से शायद मिंलीं ये घड़ियां हमको नसीब से। ग़म ए दर्द की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 16/04/2017 ग़ज़ल ज़िंदा नहीं हूं मौत ने पर मारा नहीं अभी हम थक गए हैं दर्द से दिल हारा नहीं अभी । Read More