गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 26/10/202526/10/2025 ग़ज़ल एक फूल है और एक पत्थर है एक साहिल है एक सागर है।रेत से बना वफ़ा का आशियां कहीं बह Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 26/08/202526/08/2025 ग़ज़ल उलझा उलझा रहता है मन न जाने किन जज्बातों मेंपर खुद को संभाले रखा है बिगड़े बिगड़े हालातो में। हम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 05/06/202505/06/2025 ग़ज़ल तुम ग़ैर के होकर मेरे हो दिल को ये सहना है मुश्किलये राज हमें मालूम है पर होंठों से कहना Read More
मुक्तक/दोहा *पावनी दीक्षित 'जानिब' 30/05/202530/05/2025 मुक्तक महसूस न हो जब दर्द कोईआंखों की नमी जब सूख गईजब दिल ही पत्थर बन बैठातो दिल पर पत्थर क्या Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 25/03/202525/03/2025 ग़ज़ल दौर खामोशी का है मगर धड़कन में शोर हैनज़र से हो बयां जज़्बात तो ये बात और है। पतंग ए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 15/02/202515/02/2025 ग़ज़ल हुई कब गुफ्तगू कैसे किसने क्या कहा होगाके छत पर हम नहीं थे चांद भी तन्हा रहा होगा। ख़ामोशी आंखों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/12/202428/11/2024 ग़ज़ल टूटे हैं तार दिल के फिर प्यार क्या करेंमतलब से भरे लोग हैं इजहार क्या करें। कब साथ चलते-चलते कहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/05/202406/05/2024 ग़ज़ल दीदार क्या हुआ तेरा धड़कन मचल गईकितना सम्हाला लेकिन नज़र फिसल गई। कुछ इस तरह आपका अंदाज ए बयां हैहम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/05/202417/04/2024 ग़ज़ल यूं ख्यालों में खोने से क्या फायदादर्द के बीज बोने से क्या फायदा। जिन्हें आंसू् भी पानी नजर आते होंतो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/04/202408/04/2024 ग़ज़ल अपने हाथ से तुमने हरेक किस्सा मिटा डालाभंवर के पार थी कश्ती किनारे पर डुबा डाला। मुझे कब चाह थी Read More