गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/11/201608/12/2016 ग़ज़ल -२ किसीका टूटा दिल तो हम गुनहगार हो गए सुन इन तोहमतो से यार हम बेजार हो गए। कैसे रहें महफ़िल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/10/2016 ग़ज़ल ३ अब नज़र में हम जहाँ के आ गए यूँ प्यार का नशा ही बिखरा गए। चैन से गुल ओ बुलबुल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/10/2016 ग़ज़ल २ मौहब्बत ये हमारी हमारी जान की दुश्मन बन गई न जीने देती है न मरने देती है ये उलझन बन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/10/2016 ग़ज़ल १ हम रूठ गए और उनको मनाना नहीँ आया उन्हें अहसास मोहब्बत का दिलाना नहीँ आया । करते है बहुत वादे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 27/09/2016 ग़ज़ल ये जालिमों की बस्ती है न है ठौर न ठिकाना कभी भूलकर यहाँ न चाहत का घर बनाना । हँसकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 27/09/2016 ग़ज़ल बोल क्या मैं करूँ तुम्हारी ख़ुशी के लिए शमां बनकर जलती हूँ रोशनी के लिए। ये शिकायत नहीँ है दर्द Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/09/201630/08/2016 ग़ज़ल कितना दुखा है दिल वो नादान क्या जाने क्या छीन लिया मेरा वो बेईमान क्या जाने। हम टुकड़े दर्द ए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 31/08/201630/08/2016 ग़ज़ल कितना चलूँ सम्हलकर किस्मत ये फिसल जाती है देखा कि देखते देखते तक़दीर बदल जाती है। जाने कैसी मजबूरी है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 30/08/2016 ग़ज़ल है कितनी तार तार इंसानियत मैं क्या बताऊँ इंसानियत जो तोले वो तराज़ू कहाँ से लाऊँ लज्जा नहीँ आती सुनो Read More
गीत/नवगीत *पावनी दीक्षित 'जानिब' 30/07/2016 गीत : कोई बात है जरूर ! मेंरी आँखों में नमी है कोई बात है ज़रूर कोई सिसक सिसक के रोया तो है ज़रूर । मिलते नहीँ Read More