ये जालिमों की बस्ती है न है ठौर न ठिकाना कभी भूलकर यहाँ न चाहत का घर बनाना । हँसकर निकल जाते है लोग यहाँ संगदिल भूल से भी इनको न यूँ दर्दे-दिल सुनाना। दिल करता है भूल जाएँ बीती हुई वो बातें दिल ही निकाल दूँ मुझे आता नहीँ भुलाना। सहकर के बेरुखी अपनाया […]
Author: *पावनी दीक्षित 'जानिब'
ग़ज़ल
बोल क्या मैं करूँ तुम्हारी ख़ुशी के लिए शमां बनकर जलती हूँ रोशनी के लिए। ये शिकायत नहीँ है दर्द ए दिल तो सुनो क्या मेरा दिल है बस दिल्लगी के लिए। तेरी खामोशी से सुन दिल ये ख़ामोश है किसको इल्ज़ाम दूँ इस बेबसी के लिए । जाकर मय खाने में तुम बहक जाते […]
ग़ज़ल
कितना दुखा है दिल वो नादान क्या जाने क्या छीन लिया मेरा वो बेईमान क्या जाने। हम टुकड़े दर्द ए दिल के चुनते ही रह गए क्या ले गया उड़ाकर वो तूफ़ान क्या जाने। सिमटी सी अनकही रह गईं हैं ख्वाहिशें दिल में मचल रहा है वो अरमान क्या जाने । सोचा न जरा समझा […]
ग़ज़ल
कितना चलूँ सम्हलकर किस्मत ये फिसल जाती है देखा कि देखते देखते तक़दीर बदल जाती है। जाने कैसी मजबूरी है अपने पर अपना ज़ोर नहीँ साँसों की लड़ी रफ्ता रफ्ता सीने से निकल जाती है। कितना दर्द सहा हमने उनको इस बात की खबर नहीँ वो क्या जाने मिलकर उनसे तबियत ये सम्हल जाती है […]
ग़ज़ल
है कितनी तार तार इंसानियत मैं क्या बताऊँ इंसानियत जो तोले वो तराज़ू कहाँ से लाऊँ लज्जा नहीँ आती सुनो अब रिश्ते भी बनाने में माँ बेटे की उमर के तुम्हें प्रेमी प्रेमिका दिखाऊँ सुनो हो जाएगा प्रलय अगर विश्वास टूट जाए आ बाघों की ख़ाल में छुपे कुछ भेड़िए दिखाऊँ मस्तक नहीँ झुकता मेरा […]
गीत : कोई बात है जरूर !
मेंरी आँखों में नमी है कोई बात है ज़रूर कोई सिसक सिसक के रोया तो है ज़रूर । मिलते नहीँ हैंअब मुझे सावन बहार के हम ढूँढ़ते हैं कबसे मौसम वो प्यार के कोई जुदा हुआ है कुछ खोया तो है ज़रूर । क्यो खत्म नहीँ होते हैं इन तन्हाई के दिन क्यों दर्द बढाते […]
ग़ज़ल : कोई हमें उनसा नहीँ मिलता
ढूँढ़ते हैं मगर कोई हमें उनसा नहीँ मिलता गुल रोज़ खिलते है कमल दिल का नहीँ खिलता। बड़ी आसानी से किसी का कह गए हमको उन्हे मालूम क्या उनबिन कही भी दिल नहीँ लगता। प्यास एक बूँद की है तो समन्दर क्या करूँ प्यास अस्कों से बुझती है अश्क खारा नहीँ लगता। हजारो जिन्दगी तुम […]
ग़ज़ल : मेरा हाल कोई पूछता नहीँ
अच्छा है मेरा हाल कोई पूछता नहीँ किस दौर से गुजरे हैं हम पुछता नहीँ । यूँ रूठ कर बैठे थे मनाएँगे वो हमें पत्थर का हो गया दिल अब रूठता नहीँ। ये इश्क़ ज़हर हैं चढ़ जाए जो रगों में नासूर तो बनता है पर फूटता नहीँ। कर तो दें आज़ाद यादों से तुम्हें […]
ग़ज़ल : महफ़िल मे आके देखिए
तन्हाई छोड़कर महफ़िल मे आके देखिए बड़ा सुकून है यहाँ आजमाके देखिए। कई जराग हवाओ ने बुझाएँ हैं मगर आस का एक दिया दिलमें जलाके देखिए। ज़ख़्म पर ज़ख़्म हैं लोगो के दुखते दिल में दिलजलों पर जरा मरहम लगाके देखिए। छोड़ जाते हैं बीच राह में मुसाफिर सुन उम्र भर का कोई रिश्ता निभाके […]
रिमझिम रिमझिम बोले बूँदे सावन की
रिमझिम रिमझिम बोले बूँदे सावन की पिया बसे परदेस खबर नहीँ आवन की। हो गई बैरन रुत रे सुहानी सरसे सरकी चूनर धानी बाज़ी रे पयलिया पावन की पिया बसे परदेस====== तकि तकि राह नयन पथराए कबके गए हैं अजहूँ न आए रोए री गलियाँ गावन की पिया बसे परदेस====== कोयलिया यूँ कुहुकि जो जावे […]