ये दिल तो दीवाना है इसे अब कौन समझाए ये मुमकिन है तुम्हारी बेवजह याद आ जाए । कभी गुजरूं अगर तुम्हारी रहगुज़र से मैं निगाहें फेर लेना तुम गर अहसास आ जाए। खुद को रोक लेती पर मेरी सुनता नहीँ है दिल तुम खुद को रोक लेना दिल में जज्बात आ जाए। मेरे दिल […]
Author: *पावनी दीक्षित 'जानिब'
नाम = पिंकी दीक्षित (पावनी जानिब )
कार्य = लेखन
जिला =सीतापुर
ग़ज़ल
ज़ख़्म पर ज़ख़्म दिए जाते हो कितने अहसान किए जाते हो । दिल पहले ही ले चुके हो तुम और अब जान लिए जाते हो। धड़कने मचल उठी हैं सीने में यूँ वार पर वार किए जाते हो । दे दिया मुझे यादों भरा कारवाँ मेरी तन्हाई साथ लिये जाते हो । दर्द कहना भी […]
ग़ज़ल
उसीकी आँख रोई थी वो जब रोका नहीँ उसने चले आए निकलकर दूर हम टोका नहीँ उसने। अगर करते इशारा वो ठहर जाते वहीं पर हम मेरे सीने में भी दिल है मगर सोचा नहीँ उसनें। उसकी अपनी मर्ज़ी है उसकी अपनी चाहत थी यही अपनी किस्मत थी दिया धोखा नहीं उसने । दिल उसकी […]
ग़ज़ल
बात कुछ ऐसी हो जो दिल को दुखाती चले दर्द ए उल्फत की हर रस्म अब निभाती चले । वो पन्ने पड़े हैं कोरे मेरा नाम मिट गया है अब जिंन्दगी भी मेंरा ये अक्स मिटाती चले। तिनके संजो लिए हैं अन्जाने ही बहार के हवा ए क़ातिल मेरा आशियां उडाती चले। तेरे शहर से […]