गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/05/201709/05/2017 ग़ज़ल-2 रेत मुठ्ठी में बांधना बहुत मुश्किल है कि पानी का बुलबुला किसे हांसिल है वक्त को बांध ले ये किसने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/05/201709/05/2017 ग़ज़ल-1 बिछड़ के हम से भला तुम किधर को जाओगे हमें यक़ीन है तुम एक दिन तो लौट आओगे हरेक सितम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 16/04/2017 ग़ज़ल हम गुज़रे हैं आज दर्द के बेहद क़रीब से शायद मिंलीं ये घड़ियां हमको नसीब से। ग़म ए दर्द की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 16/04/2017 ग़ज़ल ज़िंदा नहीं हूं मौत ने पर मारा नहीं अभी हम थक गए हैं दर्द से दिल हारा नहीं अभी । Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/04/2017 ग़ज़ल तू ग़म न कर तेरे रहेंगे हम सदा के लिए ये और बात है तरसे हैं हम वफा के लिए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 22/03/2017 ग़ज़ल यकीं है हमको ये मेरा प्यार याद आएगा मैं कोई पल नहीँ हूं गुज़रा तू भूल जाएगा । मैंने नज़रें Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 13/02/2017 ग़ज़ल जब बेजुबां हो इश्क़ तो क्या लिखे कलमा कोई पत्थर ए महबूब हो तो क्या लिखे कलमा कोई जब जलाए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 11/01/2017 ग़ज़ल दर्द ए दिल कैसे सुनाया जाएगा कब तलक ऐसे छुपाया जाएगा बेवजह रुशवाईयों के पन्ने पर नाम मेरा ही लिखाया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 22/12/201622/12/2016 ग़ज़ल २ तन्हाईयों में अक्सर खुद में खुद को ढूंढा करते हैं सुन अपना पता हम अपने दिल से पूछा करते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/12/2016 ग़ज़ल -१ कल्पना से मेरी तस्वीर बनाने वाले तूने देखा है कब मुझको सजाने वाले । रंग कितने मोहब्बत के भर दिए Read More