गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 10/06/2020 ग़ज़ल ये सोंच के दर पे आए थे अपनों से बगावत ठीक नहीं हंस भी ना सकूं रो भी न सकूं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 05/05/2020 ग़ज़ल मैं हूं मुजरिम तो मुझे हक से सजाएँ दे दो वर्ना बाहों मे अपनी मुझको पनाहें दे दो। बाद मरने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 10/04/2020 ग़ज़ल जुदा तुमसे नही हूं सुन तेरी परछाईं हूं मैं गुजरती है तुम्हें छू कर वही पुरवाई हूं मैं। तुम्हारे दिलकी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 14/03/2020 ग़ज़ल बिन तेरे हमको जीना गवारा नहीं , मैं कैसे यह मान लूं तू हमारा नहीं। हर सदा होके गुजरी तेरे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 27/02/2020 ग़ज़ल दुनिया है पास फिर भी तेरा इंतजार है आओगे एक दिन तुम मुझे ये ऐतबार है। लब साथ नहीं देते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 05/01/202005/01/2020 ग़ज़ल हंसती हुई आंखों के सीने में समंदर है ये राज किसे मालूम है गम दिल के अंदर है। तनमन जिसपे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/12/2019 ग़ज़ल मत तोड़ दिलों के बंधन को फिर जाने कब यह प्रीत मिले जाने कितने युग की दुआ से फिर ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/12/2019 ग़ज़ल कैसे कहूं कि तुमसे मुझे कितना प्यार है पल पल तुम्हारी खातिर दिल बेकरार है। धड़कन ठहर रही है जीना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 15/11/2019 ग़ज़ल पतझड़ में भी प्यार की बहार ढूंढ लेंगे हम बेचैनियों के शहर में करार ढूंढ लेंगे। तू लाख बचा दामन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 12/10/2019 ग़ज़ल क्यों इश्क में जलते हो परेशान हो बहुत लगता है दिल्लगी से अनजान हो बहुत। न चल सकेंगे साथ तेरे Read More