गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 07/09/2019 ग़ज़ल जी चाहता है आप का दीदार हो जाए लब ना हिलें इश्क का इजहार हो जाए। मासूम सी चाहत तेरे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/08/2019 ग़ज़ल तेरी आंखों का आईना तलाश करती हूं तू ना जाने मैं इन्हें देखकर संवरती हूं। तू मेरी सांस में सुर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/08/2019 ग़ज़ल कभी गर वक्त आया तो कलम तलवार कर देंगे कोयल से सुरों में हम सुनो अंगार भर देंगे। झुकाते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/07/2019 ग़ज़ल वो दर्द देने में भी करते हैं किफायत अब तो जान लेकर ही वो करते हैं रियायत अब तो। बड़ी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/06/201906/06/2019 ग़ज़ल कल्पना से मेंरी तस्वीर बनाने वाले तूने देखा है कब मुझको सजाने वाले । रंग कितने मोहब्बत के भर दिए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/05/2019 ग़ज़ल उठाए हैं कदम तो हम सहारा ढूंढ ही लेंगे इन तपती निगाहों का नज़ारा ढूंढ ही लेंगे। लहरों में समंदर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/04/201908/04/2019 ग़ज़ल क्यों गीत ग़ज़ल होठों पे है क्यों गाएं तराना क्या जाने दिल वालों पर क्या गुज़री है बेदर्द जमाना क्या Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 25/03/2019 ग़ज़ल मुझे यह चाहत कहां पे लाई न मौत है ना ही जिंदगी है ये आग कैसी लगी है दिल मैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/03/2019 ग़ज़ल खुद से ही रुठे हम खुद से मान ही गए हालात अपने दिलके हम जान ही गए तुमको हो मुबारक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/02/2019 ग़ज़ल मरके भी रिश्ता मोहब्बत का निभाया होता हम चले आते अगर तुमने बुलाया होता । करीब बैठ कर आंखो की Read More