आशीर्वाद : वरदान का प्रतीकात्मक रूप
“अभिवादनशीलस्य नित्यम वृद्धोपसेविन:चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुविद्या यशोबलम,” अर्थात जो बालक अपनों से बड़ों अर्थात माता पिता को प्रतिदिन प्रणाम अर्थात
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Read Moreबीते कुछ वर्षों में बच्चों के द्वारा घटित कुछ ऐसी हृदय विधायक घटनाएं देखने को मिली है जिन्हें देखकर लगता
Read Moreसृष्टि के आरंभ के साथ प्रकृति ने विभिन्न स्वरूपों से संसार की अनेक वस्तुएं, जीव- जंतु प्रकृति प्रदत्त खाद्यान्न प्रदान
Read More“गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने ,गोविंद दियो बताए” आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के
Read Moreसृष्टि के आरम्भ में प्रकृति ने प्रत्येक कार्य सुनियोजित ढंग से किया । हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में ऋषि
Read Moreएक महान उपन्यास सम्राट भारतीय परिवेश में युगदृष्टा के रूप में कृषकों के हृदय में विराजमान है। गांधी जी के
Read Moreवर्तमान परिदृश्य में जहाँ देश की संस्कृति में धर्म, जाति, वर्ग के बीच तत्कालीन समाज उपेक्षित हो रहा था। इससे
Read More‘खींचो न कमान न तलवार निकालो जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो’ मनुष्य प्रारंभ से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति का
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