लघुकथा : जुगाड़
न्यू जर्सी के एयरपोर्ट पर लेने आई मिशी को देखते ही वसुधा को अपनी ननद इना की चतुराई का भान
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Read Moreना जाने क्यों,लोग फैलाते हैं गंदगी. अपने आचार-विचार से, व्यवहार से दूसरोँ को सताने के भाव से ! फिर क्यों
Read Moreफोन का रिसीवर हाथ में लेने के बाद से इला “जी”, “हाँ जी” बोले जा रही थी ! बेटे अमित
Read Moreनोटबंदी की खबर से पसीने छूट गए मणिकांत के ! बड़ी दी ने जब मकान के लिए कर्जे के रूप
Read Moreवो खुद को बहुत संतुष्ट और एडवांस समझती ही नहीं,भाव-भंगिमा से व्यक्त भी करती रहती थीं ! अलका दी,सबसे बेबाक
Read Moreपूजा के थाल में लिए…दीपक,रोली-अक्षत,चन्दन और पुष्प, ध्वजा-नारियल,चूनर,गूगल बताशे,नैवेद्य ,धूप और कपूर ! सुन्दर सी बन्दनवार,मेरे मन में उमंगें हज़ार,
Read Moreवो कहावत है ना कि मुसीबत कभी अकेले नहीं आती,अपने साथ कई दुश्वारियां लाती है आज रमा ठीक से समझ
Read More“दमदमा कोठी में एक औरत की लाश मिली है बीवीजी “आते ही महरी ने ताज़ा खबर ऐसे सुनाई मानो सबसे
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