विश्व रंगमंच दिवस – रंगमंच को संवारने के संकल्प का दिन
नाटक दर्शकों को प्रेम, रहस्य, रोमांच, हर्ष, खुशी, आत्मीयता और सौंदर्य की उस ऊंचाई पर ले जाता है जहां वे
Read Moreनाटक दर्शकों को प्रेम, रहस्य, रोमांच, हर्ष, खुशी, आत्मीयता और सौंदर्य की उस ऊंचाई पर ले जाता है जहां वे
Read Moreसंस्कृत वांग्मय का आंगन जल-महात्म्य के श्लोंको-ऋचाओं से परिपूर्ण है। आप: वंदे मातरम् कह कर प्राणिमात्र के पोषण के लिए
Read Moreआज से एक दो-तीन दशक पूर्व तक हमारे घरों में एक नन्ही प्यारी चिड़िया की खूब आवाजाही हुआ करती थी।
Read Moreएक पाठक के तौर पर संस्मरण मुझे हमेशा आकर्षित करते रहे हैं। एक तो यही कि संस्मरण पढ़कर सम्बंधित व्यक्ति
Read Moreअम्मा यह सच है कि तुम नहीं हो मेरे साथ अब सदेह साकार त्याग कर स्थूल काया हो गयी हो
Read Moreमां कुछ दिवस और रहकर जाती। कुछ तो मुझसे तुम कहकर जाती।। माया पट बांच अबोले मुझसे। प्रकृति-पुरुष रहस्य खोले
Read Moreबिजली चली जाने से उदास हैं रसोई के दो हाथ सोच रहा है कोई कोना अब कैसे पिसेगी मूंग-दाल कैसे
Read Moreगीत जीवन्त समाज के परिचायक होते हैं। समाज-जीवन एवं लोक व्यवहार में गीत रचे-बसे हैं। समाज में धार्मिक संस्कारों का
Read Moreअंतरमन का सब तमस मिटे। जग सघन अंधेरा कलुष हटे।। सुख-शांति धरा में हो हर पल, हिंसा के बंधन सहस
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