मत रोको गंगा की धारा
मत रोको गंगा की धारा, अविरल बहने दो। उर की सारी पीड़ा खुशियां, कल-कल कहने दो। केवल नदी नहीं है
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Read Moreशिक्षा जीवन को संवारती है, गढ़ती है। इस मायने में किसी व्यक्ति के जीवन में प्राथमिक शिक्षा का महत्व सर्वोपरि
Read Moreलखनऊ। शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा संपादित बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं की कोरोना सम्बंधी रचनाओं का साझा
Read Moreललित कला के क्षेत्र में साधनारत साधकों से जीवन में कोई एक ऐसी बेजोड़ कला कृति रच जाती है जो
Read Moreआज दिखाई ना पड़ी, सुंदर गोरी नार। उर व्याकुल देखे बिना, नैना हैं लाचार।। नैना हैं लाचार, सुख-चैन हृदय न
Read Moreमिलना फिर शुरू करेंगे, कोरोना को गल जाने दो। प्रेम गली में साथ चलेंगे, संकट यह टल जाने दो।। माना
Read Moreअपनों के बीच सदा जो नेह लुटाते आये। स्वारथ की खातिर सब सुख स्रोत रिझाते आये। परिवर्तन की धारा के
Read Moreभारत में ज्ञान संस्कृति की सम्पदा श्रुत परम्परा में सुरक्षित, संरक्षित एवं जीवित रही है। इसीलिए वेदों एवं अन्य आर्ष
Read Moreअपनों ने ही छला हमेशा रिश्ते तार-तार हो गये। प्रेम बिके बाजार आज भाव सभी व्यापार हो गये।। धरती से
Read Moreमानव जीवन में अगर कोई सम्बंध सर्वाधिक उदात्त, गरिमामय, पावन और प्रेमपूर्ण है तो वह है मां और पुत्र का
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