दैवीय जीवंत प्रतिमा का रूप – माँ
नवरात्री लगते ही भक्तगण माँ अम्बे, भवानी , दुर्गा जैसे विभिन्न रूपों की प्रतिमा का
Read Moreनवरात्री लगते ही भक्तगण माँ अम्बे, भवानी , दुर्गा जैसे विभिन्न रूपों की प्रतिमा का
Read More“अभी तक खेत से माँ-बाबूजी दोनों नहीं आये हैं। कम से कम माँ को तो
Read Moreठुमक–ठुमक आए कन्हैया, देखो नटखट है नंदलाल, छम–छम छम घुंँघरू बाजे,
Read Moreसूखे पत्तों से ये रिश्ते, देखो कैसे फिसल रहे हैं। लोभ दिखा थोड़े पैसों का, अमरबेल सा छिछल रहे हैं।।
Read Moreरिमझिम बारिश की ये बूंँदें, धरती पर आती। नयी कोपलें विकसित होतीं, रहती
Read Moreबहुत पुरानी बात है। बोरसी नामक एक घना जंगल था। वन की दक्षिण दिशा में किरवई नदी बहती थी। नदी
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