सबक
लगी सिसकने चिड़िया रानी, देख सभी घबराये। कौआ कोयल मैना तोता, पास जरा सा आये।। क्यों आंँखें गीली करती हो,
Read More” ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो चुका है। मैंने पहले ही तुमसे कहा था कि हम यहाँ से दूसरे वन
Read Moreभटक रहे हैं हम बेचारे, कहाँ कहाँ अब जायेंगे। जरा बताओ हमको मानव, कैसे प्यास बुझायेंगे।। सूरज दादा नहीं समझते,
Read Moreछोड़ चलो तुम अहंकार को, बनो नेक इंसान। सदा सत्य मीठी वाणी हो, प्राप्त करो सम्मान।। आज जमाना सुंदरता का,
Read Moreबर्तन माँजती हुई स्नेहा को जब पता चला कि उसकी सास उसे न केवल घूर रही है, बल्कि तंज कसते
Read More“मैं बहुत थक गयी हूँ। अब एक कदम भी नहीं चला जाता है मुझसे। सुबह से शाम तक बस; सिर्फ
Read Moreइक दूसरे को देख कर, पीछे उसी के भागते। आगे रहे उनसे सदा, लिप्सा भरे वे जागते।। राहे बुरे भी
Read Moreहमारा छत्तीसगढ़ धर्म और आध्यात्म का विशेष स्थल है; जहाँ देवी-देवताओं का वास होता है ; स्वंयभू भगवान भोलेनाथ की
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