बालकहानी – इस बार की दीवाली
नरेश कक्षा आठवीं का छात्र था। उसकी दो बहनें थीं- जयंती और नंदनी। वह सबसे छोटा था। माँ-बाप खेती-किसानी करते
Read Moreनरेश कक्षा आठवीं का छात्र था। उसकी दो बहनें थीं- जयंती और नंदनी। वह सबसे छोटा था। माँ-बाप खेती-किसानी करते
Read Moreशिक्षक शिक्षा देते हम को, जीवन ज्योति जलाते। अज्ञानी को राह दिखाते, आगे उसे बढ़ाते।। इधर उधर की बातें छोड़ो,
Read Moreपल पल का वो साथ हमारा, इक दूजे सँग रहते थे। छोटी मोटी हर बातों को, खुलकर दोनों कहते थे।।
Read Moreकुकड़ूँ कूँ आवाजों से हम, सब को सुबह जगाते हैं। कुछ दिन की जिंदगी हमारी, फिर भी मारे जाते हैं।।
Read Moreजंगल में गरमी बढ़ जाने के कारण सारे पशु-पक्षी बहुत परेशान हो रहे थे।
Read More