गीत- पल रही यदि कोख में कन्या
हिय से निकली एक अरज है,हिय से ही स्वीकार करो पल रही यदि कोख में कन्या,मत कुंठित व्यवहार करो ईश्वर
Read Moreहिय से निकली एक अरज है,हिय से ही स्वीकार करो पल रही यदि कोख में कन्या,मत कुंठित व्यवहार करो ईश्वर
Read Moreद्वेष मुक्त हो मानव चेतन, ज्योतिर्मय संसार बने कर्मों की हो ऐसी श्रेणी, जो जीवन आधार बने नव ऊर्जा से
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