अनकहे अल्फाज़
ख़ामोशियों के अनकहे, अल्फाज़ हो तुम्ही।तनहाईयों में गूंजती,आवाज हो तुम्हीं । आते हो दबे पांव,छुपके फिर भी,जाने क्यूं,दिल से गुज़रती
Read Moreख़ामोशियों के अनकहे, अल्फाज़ हो तुम्ही।तनहाईयों में गूंजती,आवाज हो तुम्हीं । आते हो दबे पांव,छुपके फिर भी,जाने क्यूं,दिल से गुज़रती
Read Moreघिर आई कारी बदरिया।अब तो आजा संवरिया। गरज गरज बादल डरवावे,धड़के जियरा चैन न पावे,चमकन लागि बिजुरिया।अब तो आजा संवरियां।
Read Moreवक्त ने लम्हें सजाए, तुम नहीं आए।ढल गये रातों के साये, तुम नहीं आए। कदमों की आहटों पे, दिल हो
Read Moreतनहाईयो में बैठ के, बातें करो कभी। ख़लवत में खुद से भी, मुलाकातें करो कभी। देखो तो कभी गौर से,
Read Moreघुला मौसम-ए-रंग बसंती बसंती, उसपे हवाओं की ये शोख मस्ती, खुदा की कसम ये हसीं यूं न होती, अगर इसमें
Read Moreयूंही कुछ बात हो सितारों से गुम शुदा हो गई बहारों से शबनर्मी सहर में कभी आओं खुल के दीदार
Read Moreसुरमई शाम की आंखों में, कुछ नमी सी है। आज मौसम के ईरादों में, कुछ कमी सी है। चांद भी
Read Moreपरदेसी मुसाफिर तेरा कहां ठिकाना परदेस हुआ अपना देस हुआ बेगाना बिन तेरे सूना है आंगन सूना है गलियारा रंग
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