ग़ज़ल : क़त्ल
ऐसे किया है कत्ल, के ईमान ले गये। यारों वो जाते जाते, मेंरी जान लें गये। आया न कुछ नज़र,
Read Moreऐसे किया है कत्ल, के ईमान ले गये। यारों वो जाते जाते, मेंरी जान लें गये। आया न कुछ नज़र,
Read Moreतनहाईयो में बैठ के, बातें करो कभी। ख़लवत में खुद से भी, मुलाकातें करो कभी। देखो तो कभी गौर से,
Read Moreदिल में छुपा के रखते हैं, यादों के दस्तावेज़। पल पल हिसाब रखते हैं, यादों के दस्तावेज़। फैली हुयी तनहाईयों
Read Moreरौशन करें चराग़ आज मुफ़लिस के घर में उम्मीदों के गुल ख़िल जाएं उनके भी दर में कुछ हम ऐसा
Read Moreराहों में जिंदगी के ,यूं गुज़ारी जिंदगी। कभी अज़नबी लगे,पर है हमारी जिंदगी। मीलों में ये फैली है,जमीं से सितारों
Read Moreऐ जिंदगी कुछ यूं गुज़र के खुद को और तराश दे है दर्द से भीगी हुई कोई सायबान तलाश दे।
Read Moreरहता है सबके मन में, ये आस का पंछी। उड़ता खुले गगन में ये आस का पंछी। जितनी बड़ी तमन्ना,
Read More