फ़ानी दुनियां
फिर वही हम वही तनहाईयां है फिर वही आलम ए ख़ामोशियां हैं तीरगी फिर वही शब ए ग़म की गुमशुदा
Read Moreफिर वही हम वही तनहाईयां है फिर वही आलम ए ख़ामोशियां हैं तीरगी फिर वही शब ए ग़म की गुमशुदा
Read Moreस्वप्न में भी तू न रोना तू शहीद की है मां हौसला सबका बढ़ाना तू शहीद की है मां न
Read Moreघुला मौसम-ए-रंग बसंती बसंती, उसपे हवाओं की ये शोख मस्ती, खुदा की कसम ये हसीं यूं न होती, अगर इसमें
Read Moreउनकी आंखो में छलकता हुआ पैमाना है बाख़ुदा दिल भी उसी मय का तो दीवाना है यूं तो रहते हैं
Read Moreरहते हैं खयालों के, हुजूम आस पास फिर भी ये जिंदगी है, न जाने क्यूं उदास ख़्वाहिश के परिंदे हैं,
Read Moreऐसे किया है कत्ल, के ईमान ले गये। यारों वो जाते जाते, मेंरी जान लें गये। आया न कुछ नज़र,
Read Moreतनहाईयो में बैठ के, बातें करो कभी। ख़लवत में खुद से भी, मुलाकातें करो कभी। देखो तो कभी गौर से,
Read Moreदिल में छुपा के रखते हैं, यादों के दस्तावेज़। पल पल हिसाब रखते हैं, यादों के दस्तावेज़। फैली हुयी तनहाईयों
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