रणनीति
चुनाव में खड़े थे प्रत्याशी चार,जीतना है सबको नहीं चाहिए हार,चूंकि प्रतिद्वंद्वी थे तोमिलकर नहीं किये विचार,करना था एक दूजे
Read Moreजैसे ही मताधिकार दिवस आया,समारू के अंदर भीवोट देने का विचार समाया,पहले तो खूब सोच विचार किया,क्या खोया क्या पाया
Read Moreजिस जहर को फैलाने मेंमदद कर रहे हो दुश्मन को,एक दिन निश्चित रूप सेपहुंच जाएगी तुम्हारे ही बच्चों तक,तब तुम्हें
Read Moreकट रहा है वो सुंदर सामनमोहक नजारों वाला जंगल,मरेंगे समस्त जीव-जंतु,आदिवासीऔर होगा धनकुबेरों का मंगल,पनपते जाएंगे बहुत ही घनाकंक्रीटों का
Read Moreभाईचारा के चक्कर मेंफेंके चारा चर रहे हैं,दरी बिछा और पोस्टर चिपकासमाज सेवा कर रहे हैं,अपना खुद का गान नहीं
Read Moreउन्होंने अनुमति विहीन सभा बुलाया,जोरदार मजहबी नारा लगाया,नारे के द्वारा और मजहबियों को हड़काया,और कुटिलतापूर्ण गर्व से बताया,अब इस जगह
Read Moreसब लड़ रहे हैं,आगे बढ़ रहे हैं,लड़ रहा है भाई भाई,बहू संग सासू माई,एक नहीं हो रहे,नेक नहीं हो रहे,मतैक्य
Read Moreलाख विरोध कर लो,लाखों बार जलकर राख हो जाओगे,मगर सत्य तो सत्य रहेगा,जिसे हर सद मनुष्य सच कहेगा,तुम लोगों ने
Read Moreवक्त, काल, परिस्थिति औरसंगति का असर होता है बच्चों में,आसपास के देखे नजारों का असरभरता है मन के कच्चों में,सद
Read Moreमनुष्य में मनुष्य नहीं दिख पातापर तुरंत ही जाति दिख जाती है,कुछ लोगों को उनके संस्कारशायद यहीं सिखाती है,जाति के
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