Author: राजेन्द्र लाहिरी

गीत/नवगीत

छुपे हुए सच को बाहर आने दीजिए

छुपे हुए सच को बाहर आ जाने दीजिए।लिखा जिसने गाना उसको गाने दीजिए।। छुपना और छुपाना क्यों,झूठ ज्यादा फैलाना क्यों,सच्चाई

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कविता

जड़ों से कब जुड़ पाओगे

अपनी जड़ों से कब जुड़ पाओगे,कटे रहोगे बंटे रहोगे,चीखोगे,चिल्लाओगे,छटपटाओगे,पर चैन कहां से लाओगे,खुद के बारे में सोचते रहते,अपनों को क्यों

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