Author: राजेन्द्र लाहिरी

कविता

कंक्रीट का जंगल

कट रहा है वो सुंदर सामनमोहक नजारों वाला जंगल,मरेंगे समस्त जीव-जंतु,आदिवासीऔर होगा धनकुबेरों का मंगल,पनपते जाएंगे बहुत ही घनाकंक्रीटों का

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कविता

भाई संविधान बचाओ

उन्होंने अनुमति विहीन सभा बुलाया,जोरदार मजहबी नारा लगाया,नारे के द्वारा और मजहबियों को हड़काया,और कुटिलतापूर्ण गर्व से बताया,अब इस जगह

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