कब छोड़ोगे पीछा
तंग आ गए हैं हम लोगतुम्हें जबरन ढोते ढोते,पीढ़ियों से जिंदगी चल रही रोते रोते,भाग्य के खेल में हमें उलझा
Read Moreतंग आ गए हैं हम लोगतुम्हें जबरन ढोते ढोते,पीढ़ियों से जिंदगी चल रही रोते रोते,भाग्य के खेल में हमें उलझा
Read Moreशायद हौसले और दिल बुजदिल होने को तैयार है,मेरे सारे करीबी मिलकर रास्ते में कांटे बोने तैयार है।कब,किसको,क्या मिलेगा मुकम्मलशायद
Read Moreसिर्फ फूल ही नहीं देते खुशबूफल भी देते,आज भी देते हैं कल भी देते हैं,यहीं नहीं रिश्ते भी महकते हैं,संत,गुरू,पीर,फरिश्ते
Read Moreवक्त ने नहीं कद्र किया वक्त के बादशाह का,जिल्लत सह न दिया जवाब भद्रों के गुनाह का,वक्त देखो बदला कैसे
Read Moreकौन किसकी चिंता करता है किकिसे मिला और किसे नहीं मिलादो जून की रोटी,बताइये किसके हिस्से आती है बोटी,किसको पड़
Read Moreइंसानों से इंसानियत की मत कर उम्मीद,स्वार्थ के खातिर करे अपना ही मिट्टी पलीद,थोथी बातें की जाती है नैतिकता की,दम
Read Moreमटका साहब आपने बहुतों कोनिःस्वार्थ पानी पिलाया है,तालु से चिपक रहे गले कोचुटकी में तर कराया है,मानता हूं कि आपकी
Read Moreजब भी रेलवे फाटक के पास जाते हैंतो सबसे पहले रुकते हैं,फिर इधर उधर देखते हैं,तब कहीं जाकर इत्मीनान सेफाटक
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