हो रहा बेकल सुनो
ये कर्ण के कुंडल तुम्हारे आंख का काजल सुनो होठ की लाली तुम्हारी लट का रंग श्यामल सुनो जान लेता
Read Moreये कर्ण के कुंडल तुम्हारे आंख का काजल सुनो होठ की लाली तुम्हारी लट का रंग श्यामल सुनो जान लेता
Read Moreमन की माया तन से निर्मल जैसे जल बहता हो अविरल सौंदर्य परित करता कल कल करता सिंचित धरिणी का
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