गाली ही आशीर्वाद है
मुझे भाषण देने की आदत जो है कि लोग देखा नहीं कि बस उड़ेलना शुरू कर देता हूँ। बस कुछ
Read Moreमुझे भाषण देने की आदत जो है कि लोग देखा नहीं कि बस उड़ेलना शुरू कर देता हूँ। बस कुछ
Read Moreये जिन्दगी बड़ी अजीब है कि हर आदमी जो मेरे करीब है कि संग जिसके कुछ पल कुछ साल गुजारे
Read Moreछोटा बेटा था मैं हाँ सबसे छोटा जिसके बालों की चाँदी को अनदेखा करके किसी ने बच्चा बनाए रखा था
Read Moreनज़र ने तेरे नज़र से मेरे नज़र की बात की थी पल दो पल की नहीं सदियों से लम्बी बड़ी………
Read Moreतुम्हारी दुनिया का दिखावा कुछ और है मेरी दुनिया के उसूल कुछ और फ़र्क बस इतना है कि तुम तुम
Read Moreआज, जो ये आज है कल नहीं रह जाएगा। बारिश के बादलों सा कुछ बरसेगा कुछ रह जाएगा॥हर बात हर
Read Moreसपनों में रिश्ते बुनते देखा जब आँख खुली तो कुछ ना था; आँखों को हाथों से मलकर देखा कुछ ना
Read Moreलोगों को (मुख्य रूप से बुद्धिजीवियों को) ये कहते हुए अक्सर सुनता हूँ कि वक्त बहुत खराब हो गया है।
Read Moreहर गुनाह के जाने ही कितने पहलू और पक्षकार होते हैं लेकिन दिन के उजाले में कुछ ही पहलू और
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