मुक्तक/दोहा राजेश कुमार 13/09/2020 बरगद और बुजुर्ग बरगद और बुजुर्ग को मानता अब कौन है? वक्त के चक्र को भला जानता कब कौन है? अहमियत इन दोनों Read More
मुक्तक/दोहा राजेश कुमार 13/09/202013/09/2020 कुर्सी कुर्सी की माया बड़ी , समझो इसका सार कुर्सी यदि मिलती नहीं तो जीवन धिक्कार इसीलिए कहता हूँ भैया समझो Read More