Author: *डॉ. राजीव डोगरा

कविता

बदलियां गल्ला (पहाड़ी कविता)

अज्ज कल बदलना लग्गियांतेरियां गल्लांतेरे शहरे दे मौसमे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा।तेरा अंदाजगिरगिटे दे रंगे सैंई। अज्ज कल बदलना

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समाचार

“जश्न-ऐ-धमाका 2024”  कार्यक्रम में सम्मानित हुए युवा कवि डॉ. राजीव डोगरा

कांगड़ा,हिमाचल प्रदेश। अपना कांगड़ा के सौजन्य से करवाए गए जश्न-ऐ-धमाका 2024 कार्यक्रम में युवा कवि डाँ.राजीव डोगरा को आमंत्रित किया

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