समोसा
कौन कहता है ठंड है खोजा बहुत मिला नहीं उत्तर से दक्षिण तक सैर किया दिल्ली दिलवालों की नगरी में
Read Moreवर्ण-पिरामिड ये शक्ति द्योतक ओजपूर्ण ममतामय सर्वशक्तिमान हे माता तेरा पय । दे दुग्ध जीवन चराचर रूपअनेक क्षमता विवेक अगणित
Read Moreमहालक्ष्मी ‘मापनीयुक्त वर्णिक छंद 212 212 212 माघ ठंडी लगे रात में | राम बोले ज़रा प्रात में | काम
Read Moreप्रकृति यहाँ चिंतन करती है निर्झर नीर प्रणय करती है जीवन का अहसास कराती उपवन संग सरिता मदमाती तेरा मधुर
Read More[१] व्यंगम व्यंग ऊँचीं तरंग गिरगिट जैसा रंग | खाएँ पान बनारसी, पिए हैं जैसे भंग | [२] सावन को
Read Moreछ्न्द के फन्द में पड़कर, सहज कविता भुलाते क्यों ? ह्रदय से जब निकलती है, फर्श से अर्श बनकर कविता
Read Moreमाया ममता संगिनी, मोह हिया अंगार । कामी क्रोधी लालची, कब उतरे हैं पार । दौलत से अंधे हुए, कौरव
Read Moreमापनी – २१२ २१२ गीत गाया करें। मन लुभाया करें ।। प्रेम हो साधना । दिल लगाया करें।। काम दिल
Read Moreकभी नोट दिल से लगा कर गये जो । लगी चाह यारा दगा कर गये जो । हजारी विदा ले
Read Moreमोदी जी क्या नोट बंद कर दिए मानों भूकंप आ गया ज़मीन दहल गयी, राजनैतिक ज्वालामुखी नवीन काया कल्प रही
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