ए जिन्दगी………. तेरी नौकरी अब क्यू करूं
ए जिन्दगी……… तेरी नौकरी अब क्यू करूं रोज तुझे सुलाता हूं मै रोज तूझे नहलाता हॅू मै इधर उधर ले
Read Moreए जिन्दगी……… तेरी नौकरी अब क्यू करूं रोज तुझे सुलाता हूं मै रोज तूझे नहलाता हॅू मै इधर उधर ले
Read Moreकब से दौड़ रहा हूं पीछे कुछ अब तो बता दीजिए! गुस्ताखी ये मेरी है तो पत्थर ही चला दीजिए
Read Moreअब कैसे बच पायेगी ओ, अब कैसे पढ़ पायेगी दूषित मन के मेलों में, अब कैसे चल पायेगी। इस लंका
Read Moreनव युग के निर्माता से, नौ लिखा गया न पढ़ा गया। हिन्दी बेचारी सिसक रही, कैसे इनको गढ़ा गया।। हिन्दी
Read Moreमेरे भी कई जहाज पानी में चलते थे। चांद और सितारे मेरे आंगन में पलते थे।। मिट्टी के खिलौने वो,
Read Moreउलझी लटों की तरह, ए जिंदगी उलझ गई। दम भरने को ठहरे तोे, ए जिंदगी फिसल गई। अपने हाथों से
Read Moreयुवा सुघोष बने पहले, राज दिलों पर कर डाला अब मोती मेरे निखर गये, बन गई है सुन्दर माला।। नित
Read Moreऐ मौत तू इतनी खूबसूरत क्यों है, जो गया तेरा हो गया। जी भर के तुझे जो देख ले, वो
Read Moreजिन्दगी बस रेत है, फिसलती चली गयी। ठहरने की थी आरजू, निकलती चली गयी। ये हवाएं कुछ कम नही, तूफान
Read Moreजिनकी शबें अंधेरी हैं अंधकार की छाती पर, कोई एक दिया तो जला डाले। जिनके घर फाके पड़ते, कोई उनकी
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