मैं शाला में जाऊँगा
माँ मुझको भी ला दे बस्ता , मैं शाला में जाऊँगा खाने की छुट्टी में मैं भी भोजन मन भर
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Read Moreचिलचिलाती धूप में लोगों की बडी भीड़ अपने प्रिय नेता को सुन रही थी । रैली में उमड़ी भीड़ से
Read Moreजिंदगी चार दिन की है ना यूँ इतराओ तुम खुशी से जी लो हर पल को खुशी से गाओ तुम
Read Moreसुबह की बेला में ओस की बूंदें इंद्रधनुषी छटा बिखेर रही थीं। कभी भारी बारिश तो कभी ओलावृष्टि जैसे कुदरत
Read Moreरामलालजी सोसायटी में नए नए रहने आये थे । सोयायटी से बाहर जाते समय सदस्यों को विंग का ग्रिल वाला
Read Moreसभी सिपाही हैं लेकिन , सब रखते हैं तलवार नहीं कलम हाथ रखकर भी लड़ते इससे है इनकार नहीं बिना
Read Moreचश्मा माथे पर चढ़ाए वह थुलथुल काया विदेशी नस्ल के पामेरियन प्रजाति के पिल्ले को अपनी गोद में लिए हुए
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