आधुनिकता
शेठ जमनादास के घर पार्टी अपने शबाब पर थी । लॉन में एक तरफ खाने पीने की चीजों के
Read Moreअवसाद ग्रस्त रमाशंकर मध्यम वर्गीय गृहस्थ थे । सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके थे । शहर के सबसे महंगे
Read Moreबाहर नारों की आवाज शांत होते ही वह लीडर जैसी दिखनेवाली संभ्रांत महिला नंदिनी के करीब पहुंची और उसके कंधे
Read Moreविवाह के पंद्रह वर्ष बीत चुके थे लेकिन रमा और अंश की झोली संतान के नाम पर अभी तक खाली
Read Moreथोड़ी ही देर में वह भारी वाहन धीरे धीरे चलते बंगले के गेट के सामने आ गया । जिस तरह
Read Moreकभी किसी से नहीं डरी जो , वह भारत की नारी है दुष्टों के संहार हेतू वह , सौ लोगों
Read Moreदेवी असमय ही अपने पति को खो चुकी थी । फिर भी हिम्मत न हारते हुए अपने दो छोटे बच्चों
Read Moreफेबुकिया बहू निशा पढ़ी लिखी सुशिक्षित ,सुलझे हुए विचारों वाली और सौम्य व्यवहार वाली खूबसूरत हँसमुख युवती थी । मेहनती
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