सीख
अमर जल्दी जल्दी ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा था । रमा रसोई में अमर के लिए नाश्ता बनाने
Read Moreसीढियां उतरते हुए बाएं किनारे पड़ने वाले मंदिरों में शीश नवाते हाथ जोड़ते हम लोग आगे बढ़ रहे थे ।
Read Moreअमर घर से निकल तो पड़ा था लेकिन उसे खुद ही पता नहीं था उसे जाना कहाँ है करना क्या
Read Moreथोड़ी ही देर में हम लोग चौक में जा पहुंचे थे । यह चौक बस स्टैंड के समीप ही था
Read Moreनवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई भक्ति संग खुशियाँ ‘ उल्लास है लाई नवरात्रि है आई नवरात्रि है आई
Read Moreअगले दिन सुबह अमर की नींद बड़ी देर से खुली। धुप चढ़ आया था । दीवार पर लगी घडी सुबह के
Read Moreशेठ इमरतिलाल लाला धनीराम से मिलने आये थे । दोपहर का वक्त था । लाला धनीराम शायद किसी काम से बाहर
Read More” हाँ माँ ! वही धनिया । अपने कारखाने में ही काम करती है । बहुत अच्छी और मेहनती लड़की
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