अज़नबी
मैं तो एक अज़नबी हूँ आता रहता हूँ ख़्वावों में करती हो मेरा इंतजार क्यों क्यों देखती हो राहों में
Read Moreमैं कहाँ से चला था और कहाँ आ गया मैं कल कहाँ था आज कहाँ आ गया मैंने कुछ सोचा
Read Moreकभी-कभी तो याद आते हो तुम इस दुनिया में न जाने कहाँ हो तुम क्यों आते हो मेरे सपनों में
Read Moreमैं जो हूँ वही रहने दो मुझे तू समन्दर है दरिया रहने दो मुझे मुझे नहीं है चाहत गैरों की
Read Moreदुनियाँ में इतने गम क्यों है हर आदमी परेशान क्यों हैं यूँ तो हंसते हुए मिलते हैं लोग फिर अंदर
Read Moreये मुस्कुराहट तू कहाँ खो चली है तू भी अब एक सपना हो चली है गम इतने हो गए हैं
Read Moreकिससे क्या कहूँ समझ नहीं आता किस को ये दर्द सुनाएं समझ नहीं आता मैं बनकर आवारा पंछी घूम रहा
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