खतरे में मानवता
जिंदा लोगों से अच्छा नदियों के सतह पर वो तैरती लाशें बालू के ढ़ेर में दबी हुई लाशें आंकड़ों से
Read Moreजिंदा लोगों से अच्छा नदियों के सतह पर वो तैरती लाशें बालू के ढ़ेर में दबी हुई लाशें आंकड़ों से
Read Moreहे मां भारती.. तुम्हारे पंखों को तुम्हारे गोंद में बैठ कर कुतर-कुतर कर आहिस्ता-आहिस्ता छिन्न-भिन्न कर टुकड़ों में विभक्त कर
Read Moreनव वर्ष हमारा आया है, खुशियों भरा फूल लाया है, सभी जगह सुगंध फैलाया है प्रकृति नव वर्ष दिखाया है।
Read Moreवीणावादिनी ज्ञान दायिनी ज्ञानवान कर दे…. माँ रूपसौभग्यदायिनी नव रुप भर दे…. जीवन में नव रस नव गीत नव स्वर
Read Moreचाँदनी चमक लिए,चाहने की चाह लिए दिल में चाहत भरा,क्यों लिये चल रहीं। बाल तेरे काले काले,चाल तेरे हैं निराले
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