कविता : यह कैसा है दर्द
मर जायेगा वो इन्सान, अपने मानसिक तनाव से, कुन्ठित हो जायेगा वह इन्सान, इस जगह पर, सिकुड़ जायेगी, मानसिक मांसपेशियां,
Read Moreमर जायेगा वो इन्सान, अपने मानसिक तनाव से, कुन्ठित हो जायेगा वह इन्सान, इस जगह पर, सिकुड़ जायेगी, मानसिक मांसपेशियां,
Read Moreजब मिलता है प्यार कहीं तो प्यार जताना पड़ता है। दिल से दिल मिल जाता तो दिल लगाना पड़ता है।
Read Moreतुम जहां भी रहो मुस्कुराते रहो!! गीत- गाते हुए खिलखिलाते रहो। फूलों की तरह पंखुड़ी खोलकर सब जगह सुगंध पहुँचाते
Read Moreये आईने ही चेहरे का हर दाग देखते हैं दाग को बेदाग होते हर बार देखते हैं रोक नहीं पाते
Read Moreाबदलती हुई अदायें, मुझको दिखा रही थी। नखरेवाली शर्मीली अपनी, आंखों के कोरों से, मुझपर निश्छल प्रेमसुधा, बरसा रही थी।
Read Moreमत मारो इन बच्चियों को, माँ कहाँ से पाओगे । मत तोड़ो इन कलियों को, फूल कहाँ से लाओगे। इनके
Read Moreओ प्रिये!! तुम कहाँ हो! बसंती हवाएं चल रही है, सभी के मन को भा रही है, सारी कलियां खिल
Read Moreजिन्दगी की क्या खता, कि हम लोग बिछड़ गये। आप हैं वहाँ, हूँ मैं यहाँ ये किस मोड़ पर आ
Read Moreतिनका-तिनका बनकर हवा में दूर गया। लिए अपनापन था मगर वो दूर गया। अजीब सा सुरूर वो मुझको दे गया
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