भूल गई तुम •••
भूल गई तुम मुझे इस संसार में छोड़कर। ले गई थी तुम मुझे अपने तरफ मोड़कर। हृदय से, तेरे साथ
Read Moreभूल गई तुम मुझे इस संसार में छोड़कर। ले गई थी तुम मुझे अपने तरफ मोड़कर। हृदय से, तेरे साथ
Read Moreपल में उमड़ी मन में उमड़ी, सबके दिल को पहचान गई। जग जीत गई मन डोल उठा रस प्रीति लसे
Read Moreकहाँ खो गई हो इस नभ में। कहा चली हो इस जीवन में। दीख जा तारों के के बीच में।
Read Moreनहीं पता था एक दिन—– ऐसा समय आ जायेगा। एक-दूसरे में कभी बात——– नहीं बन पायेगा। मार-काट कर आपस में—–
Read Moreसुबह की ठन्डी हवा मेरे तन में लगी। आलस्य हटती, मेरा मन हर्षित हुआ। कनकनी मोती की तरह बिखरने लगी।
Read Moreआज की नारी अबला नहीं है सबला हैं। हर वक्त अपनी कदम बढ़ाती अगला हैं। यहाँ प्राचीन काल में भी
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