आकर दर्शन दे जा….
उम्मीद लगाये बैठे हैं, आकर निगाहों में बस जा। समा जलाये बैठे हैं,आकर दिलों में जगह बना जा। अपने प्रकाशपुंज
Read Moreउम्मीद लगाये बैठे हैं, आकर निगाहों में बस जा। समा जलाये बैठे हैं,आकर दिलों में जगह बना जा। अपने प्रकाशपुंज
Read Moreवो रात दूसरी थी ये दिन दूसरा है वो बात दूसरी थी ये राज दूसरा है सतर्क रहने की कोशिश
Read Moreकश्ती भी नहीं बदली, बदला नहीं दरिया। जज्बा भी नहीं बदला, हम डुबते रहे यहाँ। बने रहे मुसाफिर, हम सदा
Read Moreवक्त- बे- वक्त क्यों याद आते गये। रुह- में- रुह क्यों वो मिलाते गये। थी अनजान सी वो लम्बी डगर
Read Moreनये साल में नयी उमंगें लायेंगे। जीवन में अद्भूत तरंगें लायेंगे। नव उत्थान लिए नव कुसुम बनकर, हर्षोल्लास सब के
Read Moreसर्द ॠतु में, मन्द सर्द के साथ नवीन उत्कर्ष के साथ नवीन प्रसंग के साथ दोखो नया वर्ष आया है
Read Moreनव वर्ष है नव उमंग लिए। नवल चाह नवल विचार लिए,। स्वर्णिम सुबह की आभा लेकर महाक्रान्ति अभियान लिए।। सबके
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