युद्ध में अच्छा बुरा नहीं दिखता
गीदड़ की जब मौत है आतीउसको शहर की ओर है भगातीखून से रंगे है जिन आतंकियों के हाथचैन की नींद
Read Moreगीदड़ की जब मौत है आतीउसको शहर की ओर है भगातीखून से रंगे है जिन आतंकियों के हाथचैन की नींद
Read Moreहाहाकार मचा हुआ हैआतंकी आकाओं की टोली मेंमुंह छुपाते फिर रहे अब सारेइतनी ताकत है भारत की गोली में ‘सिंदूर’
Read Moreकानून के रखवाले खुद कानून की खिल्ली हैं उड़ातेगुनहगार को जेल में सब सुविधाएं मुहैया हैं करवातेआम आदमी की घिस
Read Moreजहां भी देखो हर तरफ हो रहा है ब्यापारखबरें कम पैसे का धंधा बन गया है हर अखबारसकारात्मकता गुम है
Read Moreक्यों मानसिकता सबकी बदल रहीजैसे जैसे बदल रहा है ज़मानामकसद तो है इनका अशांति फैलानाघूमने आने का तो है बस
Read Moreअपना गांव तो आजकल गुलसितां है लगताहर तरफ रंग बिरंगे फूलों का बाजार है सजताजिधर भी नज़र दौड़ाएं फूल ही
Read Moreहमारी सोने की चिड़िया लूटीहमें अप्रैल फूल बना गएचैत्र महीने से शुरू होता था जो देसी सालउसे पहली जनवरी से
Read Moreजवानी को कर रहा खोखलास्कूल कालेज सब जकड़े इसनेगांव अछूते नहीं रहे अबगली मोहल्ले भी पकड़े इसने माता पिता में
Read Moreबदला ज़माना रिश्तों में आ गई खटासआज रिश्तों का बना रहे सब उपहासदिखावा ज़्यादा हो गया रिश्तों की नहीं रही
Read Moreसदियों से जुल्म सहे हैंवो बदस्तूर अभी भी है जारीअपने वजूद की तलाश मेंक्यों भटक रही है अभी भी नारी
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