Author: *रवींद्र कुमार शर्मा

कविता

क्यों नहीं बरसता दुनियाँ है परेशान

बादल बरसे हल्के हल्केधरा भी मन्द मन्द मुस्कुराईवनस्पति के चेहरे पर आई रौनकठंडी ठंडी चले पुरवाई पशु पक्षी जीवजन्तु सबबारिश

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