/ झूठ /
हर जगह कई लोग चुपके – चुपके चलते हैं अपना मुँह छिपाते वो धीरे – धीरे चलते हैं वर्ण-जाति-वर्ग की
Read Moreआज हम वैश्वीकरण की दुनिया में हैं। वैश्वीकरण शब्द अँग्रेजी के ग्लोबलैजेशन शब्द का पर्याय शब्द है। यह दो शब्दों
Read Moreनहीं हूँ मैं किसी जाति या धर्म दंभी, मानता हूँ गुरू को सिर झुकाकर वंदना दिल से करता हूँ धन
Read Moreहोते हैं रास्ते विचारों में अनेक टेढ़े – मेढ़े, सीधे – साधे मिट्ठी, कंकड़ – पत्थर के हैं कहीं –
Read Moreपलंग पर बैठा मैं पुस्तक पढ़ रहा था। परीक्षाओं की तैयारी में कर रहा था। घंटी बजाते हुए एक ठग
Read Moreसुख भोग से मदमस्त सोता नहीं हूँ मैं, सोता हूँ कल – कल की धार हूँ कूड़ा – कचरा नहीं
Read Moreस्याही की नीति जो है वही मेरे अंदर आग है रास्ते में दिया जलाकर चलता हूँ मैं यहाँ – वहाँ
Read Moreसमस्या नहीं, समाधान हूँ मैं उभरकर आता हूँ मानववाद के तत्व में, अंतश्चेतना के द्वन्द्व में मेरी अपनी चिनगारी है
Read Moreये नहीं जानते समानता का अर्थ अपनी भूख मिटाने की रोजी – रोटी की तलाश है धूप – छाह भूलकर
Read Moreसबके साथ समरसता लाते हुए आगे का कदम लेना सबसे बड़ा कठिन कार्य है मैं अनुभव करता हूँ कि हजारों
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