कहानी – महत्वाकांक्षा
सुनील बचपन में कक्षा में बहुत होशियार तो नहीं , पर एवरेज से ऊपर था , लेकिन देखकर सभी उसे
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Read Moreप्रेम की ज्योति बाल कर रखना प्रीत के पल सँभाल कर रखना छोड़ना तुम सभी गमों को अब पाँव तो
Read Moreमैंने लिखे हैं गीत यूँ कितने ही, रूप और प्रेम के सार के कैसे मगर आज लिख लूँ मैं बताओ,
Read Moreपूज्य हैं जो किसी के लिए हैं निरर्थक वे किसी के लिए पर वे ही प्राणी पीड़ित समझ सुख –
Read Moreमेरे देश के नौजवानो , शक्ति के दीवानो , क्यों देश में हिंसा फैली है क्यों काली हुई दिवाली है
Read Moreकल आने वाली वायु नितान्त शुद्ध होगी और जिंदगी दीर्घायु होगी यह कौन जानता है ? आज तो लेकिन चहुँ
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